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Excise उपायुक्त की मनमर्जी, निजी व्यक्ति हेमंत से करवा रहे कार्रवाई…

रायपुर (CGVARTA)। छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले की चर्चा पूरे देश में है, ऐसे में राजधानी में आबकारी विभाग (Excise) के नए उपायुक्त विजय सेन शर्मा की मनमर्जी इस घोटाले में और चार चांद लगा रही है। दरअसल, सूत्रों से जानकारी मिली है कि विजय सेन शर्मा जब महासमुंद में पदस्थ थे तब से ही हेमंत शर्मा नामक व्यक्ति से विभाग का काम निजी तौर पर करवा रहे हैं। ये राज्य के सीएम भूपेश बघेल की शराब बंदी की परिकल्पनाओं को नाकाम साबित करने काफी है।

बताया जा रहा है कि जिस उद्देश्य से उपायुक्त का ट्रांसफर राजधानी में हुआ था। उनके आने से व्यवस्था और चरमरा गई है, जैसे शराब दुकानों का समय पर न खुलना, सेल्समैन की कमी, ब्रांड का ना होना, दुकानों में स्टॉक का पूरी तरह खत्म होना, ओवररेट, कोचियाप्रथा और अवैध शराब बिक्री चरम पर है।

जानकारी के मुताबिक, इसकी जानकारी विभाग के आला अफसरों और सरकार के मंत्रियों को भी होने की जानकारी सामने आ रही है। यही वजह है कि सरकार स्तर पर इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।

इस मामले की शिकायत युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव मोहम्मद फहीम शेख ने विभाग के अफसरों से की है। बावजूद उसके अब तक विभागीय स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है।

Excise Deputy Commissioner's arbitrary will, private person Hemant is getting the action done...

बताया जा रहा है कि (Excise) उपायुक्त विजय सेन शर्मा के इशारों पर हेमंत शर्मा शहर के सभी शराब दुकानों में जाकर अपना धौंस जमता है, और आबकारी निरीक्षकों व प्रभारी अधिकारियों पर कार्रवाई का दबाव बनाता है। हेमंत की जबरदस्ती से त्रस्त जिले के शराब दुकान संचालक अब आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। हेमंत विजय सेन शर्मा का रिश्तेदार भी बताया जा रहा है। ये महासमुंद में भी विजय के साथ इसी तरह कार्रवाई कर रहा था, विरोध होने पर ट्रांसफर रायपुर हुआ है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में हुए करोड़ों के शराब घोटाले की आंच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक पहुंचे है। मामले में ईडी ने कार्रवाई कर कई रसूखदारों को पकड़ा भी है, लेकिन शराब खोरी की यह प्रणाली ईडी की कार्रवाई के बाद भी जारी होना विभाग की कार्य प्रणाली पर सवाल उठता है।

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